अब हम कुंडली शक्ति को कई गुना बढ़ाने की योगतंत्र तकनीक बताने की ओर ले चलते हैं।
जहांतक हो सके -आपको ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना है।
पांच-सात योग के आसन अपने दैनिक जीवन में शामिल करें। उन आसनों में दो-तीन आसान ऐसे हों जो रीढ़ की हड्डियों में अच्छा प्रभाव डालता हो। जैसे- हस्तपादासन , हलासन , मतस्यासन आदि।
यौगिक क्रिया और प्राणायाम पर अच्छी तरह ध्यान देते हुए अपनी शक्ति के अनुसार अभ्यास करें।
उपरोक्त कार्य करते हुए जब तीन माह से ज्यादा हो जाएं तो अब कुण्डलिनी साधना और उसकी सक्रियताओं के लिए साधना आरम्भ करें –
अपनी जन्मतिथि के अनुसार सात शुभ मुहूर्तों का चुनाव करें जो कार्यसिद्धि होने का भी मुहूर्त में पड़े हों या अमृत सिद्धि वाले मुहूर्त में पड़ा हो।
अब प्रथम चुने गए मुहूर्त में पहली एकदिवसीय साधना करें –
आवश्यक सामग्री –
पांच मुखी रुद्राक्ष की माला, अपने जन्मतिथि के अनुसार शुभ रंग वाले वस्त्र और आसन।
साधना की दिशा- दिनवार के अनुसार।
साधना का समय -सुबह या शाम ( चौघड़िया और होरा का ध्यान रखें )
अपने आसन पर दिशा अनुसार विराजमान हो कर बैठें और सामने एक छोटी चांदी की कटोरी में शुद्ध जल भर कर अपने आसन के आगे रखें। दीपक नहीं जलाना है -दीपक की जगह यही पानी से भरी कटोरी राखी रहेगी।
अब आप आँखें बंद कर अपने मन को मूलाधार चक्र पर स्थापित करें और निम्न मंत्र की नौ माला जप करें –
मंत्र है -ला लम लम्भा ऊर्ध्व अग्रसराय ला ॐ / LA LAM LAMBHA URDHWA AGRASARAY LA OM .
जप के बाद उस चांदी की कटोरी वाली पानी को पी जाएं।
पहली मुहूर्त की साधना संपन्न हुई।
अब दूसरे वाले मुहूर्त की साधना करें।
उपरोक्त विधि के अनुसार दिनवार के अनुसार दिशा होकर अपने आसन पर बैठें। चांदी की कटोरी में पूर्व की भांति पानी रख लें और आँखें बंद कर अपने मन को स्वाधिष्ठान चक्र पर ले जाकर निम्न मंत्र की छह माला जप करें –
मंत्र है -सः ठन ठन स्वधिस्थानः वा देवताय नमः /SAH THAN THAN SWADHISTHANAH VA DEVTAY NAMAH.
छह माला जप के बाद चांदी की कटोरी वाली पानी पी लें।
उक्त दूसरे मुहूर्त की साधना संपन्न हुई।
तीसरे मुहूर्त की साधना –
उपरोक्त प्रकार से ही दिनवार के अनुसार दिशा होकर बैठें और चांदी की कटोरी भी पास में रखें और अपने मन को नाभि/मणिपुर चक्र पर मनको ले जाकर तीन माला निम्न दिए गए मंत्र की साधना करें –
मंत्र है -ॐ अमृतकुंड स्वरूपा मणिपुराय क्लीं नमः / OM AMRITKUND SWARUPA MANIPURAY KLEEM NAMAH .
तीन माला जप करने के बाद चांदी की कटोरी वाली पानी पी लें।
अब आपको चौथे मुहूर्त वाली साधना करनी है -उसे भी उपरोक्त प्रकार से करनी है।
आसन पर बैठ कर अपने मन को ह्रदय चक्र अर्थात अनाहत चक्र पर मन को लेजाएं और आँखें बंद कर निचे दिए गए मंत्र की नौ माला जप करें –
मंत्र है -ॐ हूम हूम नमः /OM HOOM HOOM NAMAH.
नौ माला जप पूरा होने पर कटोरी वाली पानी पी लें।
अब आप पांचवें मुहूर्त वाली साधना करें। –
( क्रमशः )