यौगिक आहार एवं आसन –
चित्त की चंचलता के दो कारण हैं,वासना अर्थात पूर्व अर्जित संस्कार एवं वायु अर्थात प्राण इन दोनों में से एक का भी निरोध हो जाने पर दोनो समाप्त हो…
चित्त की चंचलता के दो कारण हैं,वासना अर्थात पूर्व अर्जित संस्कार एवं वायु अर्थात प्राण इन दोनों में से एक का भी निरोध हो जाने पर दोनो समाप्त हो…
इस आसन के अनेको फायदे है जिनमे से एक फायदे के बारे में एक विश्व प्रसिद्ध किताब '' गुप्त भारत की खोज" में पॉल ब्रंटन की चर्चा ब्रह्मा नाम के…